ED Kya Hai :- आपने न्यूज़ चैनल और न्यूज़ पेपर में अपने ED का नाम तो जरूर सुना होगा जब भी किसी हाई प्रोफाइल केस की बात होती है जैसे विजय माल्या और नीरव मोदी केस तो इसमें ED का जिक्र जरूर आता है ED भारत सरकार के Finance Ministry के Revenue Department का एक भाग है जो की भारत में Forein Exchange और Money Launering आय से ज्यादा संपत्ति की जांच पड़ताल करने वाली एजेंसी है आपको भी ऐसी एजेंसी के बारे में जरूर जानना चाहिए इसलिए आज के आर्टिकल में हम आपको ED से जुडी हुयी सभी जानकारी देने वाले है की ED Kya Hai और ED का पूरा नाम क्या है इससे जुडी सभी जानकारी के बारे में जानेंगे |
ED क्या है – What is ED in hindi
भारत में Economic low को लागु करने Economic Crime से लड़ने की जिम्मेदारी ED को दिया गया है ये एक Law Enforcement Agency और Intelligence Agency है
- PMC Bank Case
- Vijay Mallya Bank Loan Default
- Saradha Chit Fund Scam
- Lalit Modi IPL Money -Laundering Cases
इस एजेंसी के द्वारा हैंडल किये जाने वाले कुछ केस है ED का हेडक्वार्टर नई दिल्ली में है और इसके 5 रीजिनल ऑफिस जो की मुंबई , चेन्नई , कोलकाता , चंडीगढ़ और दिल्ली में स्थित है इन ऑफिस के Head Special Directors of Enforcemnet होते है जबकि ED के 10 जोनल ऑफिसेस के हेड Deputy Director होते है ये जोनल ऑफिसेस
- मुंबई
- दिल्ली
- चेन्नई
- कोलकाता
- अहमदाबाद
- बैंग्लोर
- लखनऊ
- चंडीगढ़
- हैदराबाद
- कोच्ची
में स्थित है |
ED के 11 Sub Zonal Offices भी है जो की
- जयपुर
- जालंधर
- श्रीनगर
- वाराणसी
- गुवाहाटी
- कालीकट
- इंदौर
- नागपुर
- पटना
- भुवनेश्वर
- मदुरई
में स्थित है जिनके हेड अस्सिटेंट डायरेक्टर होते है ये एजेंसी डायरेक्ट असिस्टेंट एंड पोस्टमेन्ट लेवल पर रिक्रूटमेंट करती है और Castome , Income Tax और पुलिस डिपार्टमेंट से भी ऑफिसर को भी शामिल करती है इस एजेंसी में IRS , IPS और IAS ऑफिसर शामिल होते है |
ED Kya Hai
ED का पूरा नाम क्या है – ED full Form
ED का पूरा नाम Directorate Of Enforcement है यानि की प्रवर्तन निदेशालय है
इतिहास
ED की शुरुआत एक इंफोर्स्मेंट यूनिट के रूप में Department Of Economic Affairs में 1 मई 1956 में हुई थी इस यूनिट का काम Foreign Exchange Regulation एक्ट 1947 के तहत Exchange Control Laws Violations को हैंडल करना था
साल 1957 में इस यूनिट को Enforcement Directorate नाम दिया गया इस निदेशालय का का प्राइम ऑब्जेक्टिव भारत सरकार के 2 एक्ट का प्रवर्तन करना है और ये एक्ट है
- FEMA
- PMLA
FEMA
FEMA यानि Foreign Exchange Management Act 1999 पहले FEMA की जगह FERA यानि Foreign Exchange Regulation Act 1973 Law था जो की एक Regulatory Low था जिसके समाप्त होने के बाद उसकी जगह FEMA ले ले लिया FEMA एक Civil Law है FEMA का उद्देश्य देश में Foreign Payment Paymens और ट्रेड को प्रमोट करना है देश में फॉरेन कैपिटल और इन्वेस्टमेंट को प्रमोट करने से देश में इंडस्ट्रीरील डेपेलमपेंट और एक्सपोर्ट्स प्रमोट हो सकता है इसलिए FEMA भारत में Foreign Exchange Market की मेन्टेन्स और इम्प्रोवेर्मेंट को Encourge करता है FEMA भारत में रहने वाले व्यक्ति को यह आजादी देता है की वो भारत के बाहर प्रॉपटी खरीद सके और उसका मालिक बन सके और अपना मालिकाना हक़ भी किसी को दे सके और लें इस कानून के नियम को कोई तोड़ता है तो उस पर ED एक्शन ले सकता है
PMLA
PMLA यानि Prevention Of Money Laundering Act 2002 , PMLA एक Criminal Law है ED FEMA और PMLA का के कानूनों के नियमो का उलंघन करने वालो के खिलाफ केस फाइल करती है और जांच पड़ताल करती है PMLA Act में जिस money laundering ( काळा धन को वैद्य बताना ) की बात की गयी है उसके बारे में भी जान लीजिये money laundering का मतलब इलीगल तरीके से कमाई हुई ब्लैक मनी को लीगल मनी के रूप में दिखाना होता है money laundering के जरिये इलीगल पैसो को ऐसे काम में इन्वेस्ट किया जाता है इवेस्टिंग एजेंसी को भी उस पैसे के सोर्स का पता न चल पाए और इस Money laundering का पता लगाने और दोषी व्यक्ति को ऊपर मुकदमा दायर करने और ब्लैक मनी को जप्त करने का काम ED करती है

FEMA और PMLA पुरे देश पर लागु होता है इसलिए ED किसी भी व्यक्ति पर एक्शन ले सकती है FEMA के केस सिविल कोर्ट में जाते है जबकि PMLA के के केस क्रिमिनल कोर्ट में जाते है इस डेरेक्रेड के अपने कोट्स भी है अपील न्ययधि कारण भी है PMLA के सेक्शन 4 के तहत किसी भी दंडनीय अपराध की सुनवाई के लिए Central Government ने एक से ज्यादा सेशन कोर्ट्स को स्पेशल कोर्ट्स में बदल रखा है और ऐसे कोर्ट PMLA Court कहलाते है इस कोर्ट के किसी भी अपील के आर्डर के खिलाफ को डायरेक्ट हाई कोर्ट में की जा सकती है |
ED के पास दिल्ली और सभी रीजिनल ऑफिसेस में इन हाउस फोरंसिक लैब भी है इस एजेसी के बेसिक फंक्शन और पावर
ED Kya Hai
ED ऑफिसर के पास क्या क्या पावर होती है
- ED किसी भी व्यक्ति या जगह का जांच पड़ताल कर सके और और दोषी को अरेस्ट कर सके और प्रॉपटी की सीज कर सके
- कोई भी व्यक्ति डायरेक्ट डायरेक्ट इंपोर्स्मेंट डायरेक्टर को अप्प्रोच नहीं कर सकता लेकिन फॉरेन एक्सचेंज और मनी लॉन्डरिंग रिलेटेड कम्प्लेन इस डिरेक्टेड के एड्रेस पर सेंड किया जा सकता है
- अगर को FEMA या PMLA एक्ट के उलंघन संबधी रिपोर्ट लिखवाना चाहे तो उसे अपनी कम्प्लेन पुलिस या किसी एजेसी में लिखानी होगी जिसके बाद ED उस मैटर का जांच पड़ताल करती है ED को अपनी जिम्मेदारी पूरी करने के लिए कुछ इंटरनेशनल आर्गेनाइजेशन की हेल्प भी लेनी पड़ती है और समय समय पर उनकी हेल्प भी करनी होती है जैसे वित्तीय करवाई कार्य बल , मनी लॉन्डरिंग एशिया- पसिफ़िक ग्रुप (APG) , Money Laundering & Financing Terrorism
यु तो भारत में बहुत से जांच पड़ताल वाली एजेंसी के research and analysis Wing (RAW) , Intelligence Bureau , CBI , Narcotics Control Bureau , CID लेकिन जो एजेंसी फाइनेंस से डील करती है वो है CBI और ED
Conclusion
आज के आर्टिकल में हमने जाना की ED Kya Hai और इससे जुडी साडी जानकारी आपके साथ शेयर करने की कोशिश की ये जानकारी आपको कैसी लगी नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर बताये और अपने सोशल मीडिया पर भी शेयर करे |
ED Kya Hai